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Tum kr paaogi kya ? By krishna singh rajput ji

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जब कभी हम  हम ना रहें  तो यूँ ही मुझे बहालाओगी क्या, जब सब करेंगे चाँद की बातें  तो  बस तभी तुम सूरज मुझे दिखलाओगी क्या, हर तरफ होगा अँधेरा घना  तो  तभी तुम जरा आकर एक उम्मीद की किरण बन जगाओगी क्या, सब जा रहे होंगे जिंदगी से मेरी  तो  तुम आकर मुझ प्यार से गले लगाओगी क्या, मैं रोऊँ जो कभी जी भरकर कहीं पे  तो  मुझे मेरे आँसुओं की कीमत बताओगी क्या, कभी बातें जो छिड़ेंगी मेरे क़त्ल की  तो  उस वक़्त तुम बन मासीहा मुझे बचाने आओगी क्या, तपेगी जेठ की दुपहरी जब सारे शहर को जलाने तो  उस तपिश में तुम मुझ से मिलने नंगे पाँव दौड़ें आओगी क्या, बरसेगा जब सावन धरती की प्यास बुझाने  तो  थोड़ा सा तुम आकर मेरी आस बन मुझे हंसाओगी क्या, जब हल्की सी देगी दस्तक मौसम की मिज़ाजी वो गुलाबी सी ठंडक  तो  मुझे तुम आकर बस अलिंगबद्ध कर जाओगी क्या, जब गिरेगी वो शीतलहर में कोहरे की चादर  तो  तुम बनकर गर्माहट पूरे मुझ में सिमट जाओगी क्या, कभी ना जो रहें दुनियां में हम  तो  मेरे शब्दों को अपने अल्फाजों से मिला  मुझे पूरी दुनियां से मिलवाओगी क्या, सच कहना  इन ख़्वाबों को मेरे एक रोज आकर मुझे  मुझसे चुराकर  हकीकत में बदल जाओगी क

मुमकिन :🙏🙏

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 ◆मुमकिन◆ मुमकिन हैं , एक दिन तन्हा जीना सीख जाऊंगा , भरी रौ में पैदल ही चलना जान जाऊंगा ! ना होगी तब हमें किसी साथी की जरूरत , खुद को इतना समृद्ध बनाऊंगा ! सजाऊंगा , खुद की महफ़िल लोगों को बुला के , ना किसी का एहसान उठाऊंगा ! अपनी मंजिल को पा एक दिन , मुझ पे उठने वाली हर नज़र को झुकाऊंगा ! अपनी ओर , आने वाली हर नकामी की हवा को , दूर से ही शिकस्त दे जाऊंगा ! जो चलेगी हवा हमें उलझाने को , तो उसका रूख मोड़ने को , समुंदर बन जाऊंगा ! दिया जो किसी ने , हमें दीवानी का तमग़ा , तो डूबकर किसी की मोहब्बत बन जाऊंगा ! दे ये ज़िंदगी हमें गम चाहे जितने , मैं अपनी मुक़दर में , खुशियाँ खुद लिख जाऊंगा ! @krishnasinghrajputji #sksmedics @krishna

बुलबुले : 😑

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◆ बुलबुले ◆ तुम ना , सच्ची किसी बुलबुले से थे , और  बुलबुले कहाँ ठहरा करते हैं । पल में रूठना ,  पल में मानना , खुद ही उलझना , और  खुद से ही सुलझना । मेरे बुलाने पे ना आना , और  कभी बिन कहे ही आ जाना । जिद्द करना तुम्हारा , और  उस पे शांत रहना हमारा । फिर तुम्हारे नखरे भी उठाना , और  हर घड़ी तुम्हें बहलाना । बच्चों सी थी बातें तुम्हारी , मेरे इशारों को , वो तुम्हारा ना समझना , और  कभी पल भर में ही समझकर , साथ खिलखिलाना । बुलबुले कहाँ एक जगह ठहरते हैं , वो गोल सा बन उड़ जाते हैं , मदमस्त हवाओं में , आसमानों में कभी अपना घर बनाने , करने को अठखेलियां , ये बुलबुले ना , नुका-छुपी करते हैं बहुत । ठहराव नहीं इन बुलबुलों में , जैसे याद हैं ,  तुम करते थे मुझसे छिप कर । ठीक वैसे ही तुम भी ना ठहरे , क्योंकि तुम ना , सच्ची किसी बुलबुले से थे , और  बुलबुले कहाँ ठहरा करते हैं । @krishna #sksmedics #krishnasinghrajputji

Sab ladka log ek jaisa hota h kya ?!?

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कोई तुम्हें रुलाके चला जाता है , पर कोई तुम्हें दर्द मे भी हसाता है ना ? कोई तुम्हें गंदी निगाहों से देखता है , तो कोई तुम्हें अपनी निगाहों से सवारता भी है ना ? कोई तुम्हारे मेसेज को जानबूझकर अंदेखा करता है , पर कोई तुम्हारे मेसेज का घंटो इंतजार करता ही हैना ? कोई तुम्हें जिंदगी भर का दुःख देता है , पर कोई तुम्हें अच्छी यांदे देता हैना ? कोई तुम्हारे साथ दरींदे जैसा बर्ताव करता है , पर कोई तुम्हे बाप और भाई की तरह प्यार करता है ना ? कोई नशे की हालत मे अपने घरवालों को परेशान करता होगा , पर कोई अपने घरवालों को भूल बाॅर्डर  पर जान दे रहा होता है ना ? तो बताईये सब लडके एक जैसे होते है क्या ? ? ? @krishna @sksmedics #sksmedics #krishnasinghrajputji

#justicefor_________

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  #JUSTICEFOR______ ये खाली हर रोज अलग नामों से भरा रहा रहता है, कभी कोई तो कभी कोई ... कानून मर रहा है न्याय मर रहा है सरकार सो रही है इंसानियत खत्म हो गयी है,जैसे न जाने कितने हैशटैग चलते है । गुस्सा ट्विटर से फेसबुक तक हर सोशल मीडिया मंच पर फूटता है , नारे लगते है कैंडल मार्च निकलता है। कुछ ग़लतियाँ भी निकलते है , समाज परिवार या फिर उन औरतों की , और न जाने कितना कुछ । अरे हाँ ! कुछ माँ बहन की गालियों के साथ ही उन्हें न्याय दिलाने की बात भी करते हैं । चैनलों पर बहस होता है, जहाँ अपराध के कारण , उसे रोकने के उपाय से ज्यादा आरोप प्रत्यारोप होता है।नारे लगते है गुस्सा फूटता और  बस ये चलता रहता है । कभी कुछ नियम कानून भी बनते है , और फिर कुछ दिन में सब शांत हो जाता है, सड़के और चौराहें सब खाली और शान्त हो जाते हैं, । हाँ ! खबरों में इन घटनाओं से ज्यादा हंगामे की खबरें दिखाई जाती है, लोगों की भीड़ ने क्या किया यह दिखाया जाता है और इन सब मे खो जाता है इन घटनाओं का सच । बदलता तो भी कुछ नही हैं , राजनीतिक पार्टियाँ अपना फायदा नुकसान देखने मे एक दूसरे को गलत ठहरातें है। कानून अपना काम कर रहीं ह

☹️खुद को मर्द कहने वाले ,एक महिला की इज्ज़त से खेल जाते हैं ।☹️

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एक स्त्री की आबरू को, भरे बाजार छलनी कर जाते हैं, खुद को मर्द कहने वाले, एक महिला की इज्ज़त से खेल जाते हैं। खुद की हवस को मिटाने के लिए, दूसरे की बेटी की बलि चढ़ाते हैं, खुद को मर्द कहने वाले, एक महिला की इज्ज़त से खेल जाते हैं। कभी महिला दिवस,तो कभी बेटी दिवस मनाते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा में कभी कोई कदम नहीं उठाते हैं, खुद को मर्द कहने वाले, एक महिला की इज्ज़त से खेल जाते हैं। एक अकेली औरत पर, वो अपना बल हमेशा दिखाते हैं, बलात्कार कर उसका, उसे मरने को छोड़ जाते हैं, खुद को मर्द कहने वाले, एक महिला की इज्ज़त से खेल जाते हैं। # justiceforall # justiceforallgirls @कृष्णा @krishna 

मां ❤️ मेरी मां आप सबकी मां

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बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ याद आती है चौका-बासन चिमटा फुकनी जैसी माँ बाँस की खुर्री खाट के ऊपर हर आहट पर कान धरे आधी सोई आधी जागी थकी दोपहरी जैसी माँ चिड़ियों के चहकार में गूंजे राधा-मोहन अली-अली मुर्ग़े की आवाज़ से खुलती घर की कुंडी जैसी माँ बिवी, बेटी, बहन, पड़ोसन थोड़ी थोड़ी सी सब में दिन भर इक रस्सी के ऊपर चलती नटनी जैसी माँ बाँट के अपना चेहरा, माथा, आँखें जाने कहाँ गई फटे पुराने इक अलबम में चंचल लड़की जैसी माँ @कृष्णा @krishna © Krishna