मुमकिन :🙏🙏
◆मुमकिन◆
मुमकिन हैं ,
एक दिन तन्हा जीना सीख जाऊंगा ,
भरी रौ में पैदल ही चलना जान जाऊंगा !
ना होगी तब हमें किसी साथी की जरूरत ,
खुद को इतना समृद्ध बनाऊंगा !
सजाऊंगा ,
खुद की महफ़िल लोगों को बुला के ,
ना किसी का एहसान उठाऊंगा !
अपनी मंजिल को पा एक दिन ,
मुझ पे उठने वाली हर नज़र को झुकाऊंगा !
अपनी ओर ,
आने वाली हर नकामी की हवा को ,
दूर से ही शिकस्त दे जाऊंगा !
जो चलेगी हवा हमें उलझाने को ,
तो उसका रूख मोड़ने को ,
समुंदर बन जाऊंगा !
दिया जो किसी ने ,
हमें दीवानी का तमग़ा ,
तो डूबकर किसी की मोहब्बत बन जाऊंगा !
दे ये ज़िंदगी हमें गम चाहे जितने ,
मैं अपनी मुक़दर में ,
खुशियाँ खुद लिख जाऊंगा !
@krishnasinghrajputji
#sksmedics
@krishna
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