और हम भी ......❣️❣️

 और हम भी... ❤




तुम्हे ये तारीख याद है? अग़र नहीं भी है तो उदास न होना तुम। हम हैं न; सब याद रखने को...

सालों पहले अचानक से तुम आयी थी। प्यार-व्यार कुछ सोचा नहीं था, लेकिन एक रोज हम साथ थे। तुम्हे याद है न जब हमने कहा था; तुमसे इश्क़ है हमें। अग़र नहीं भी है तो उदास न हो तुम।

सालों गुज़र गये तुम्हारे साथ और लगा था जैसे लम्हे की बात हो। इस एक तारीख में ही जब्त है वो सारा सफ़र। मालूम है तुम्हे; सालों पहले उस रोज जब बस स्टैंड पर तुम बस के भीतर थी और हम खिड़की पर। हाँ, तुम्हे कहना है कि हम वहाँ भीतर तुम्हारे साथ बैठ सकते थे लेकिन फिर तुम्हारा हाथ छोड़ते भी कैसे! उस एक दिन तुम्हारे शहर को जाती बस की उस खिड़की पर बहते तुम्हारे आंसू और हमारी भीगती हथेली के बीच जो कुछ भी था, वही हमारा प्यार था। बहुत रोये थे उस दिन हम पर तुम्हे एहसास तक न होने दिया था और फिर तुम्हारी बस आगे बढ़ गयी और हम उसे देखते रहे थे दूर, बहुत दूर... तुम्हारा शहर को जाते हुये। 

अग़र तुम्हे याद नहीं भी है तो उदास न होना तुम।

देखो! ये रात, कितनी गहरी होती जा रही। तुम्हारे बाद ये रातें बेहद लम्बी हो गयी हैं। वह चाँद, जिसके नीचे बैठकर हम घंटो फोन से तुमसे बातें किया करते थें, वह चाँद भी अब पहले-सा नहीं लगता है। छोड़ो... जाने दो। तुम्हारे बाद हमने कहना बंद कर दिया है, किसी से कुछ नहीं कहा हमने... तुम्हारा चले जाना भी ,, मेरा भाई गौरव कौशल है मेरा बैचमेट सिर्फ उससे ही कुछ बाते शेयर की है मैंने। भीतर सब भर-सा गया है, घुटन सी होती है अब। 

जानते हैं, ये सवाल अब ग़ैरजरूरी है पर बताओ न, तुम्हारे जाने की कोई वज़ह! हाँ; अच्छे नहीं थे हम, मगर कि इतने बुरे तो न थे।

तुम्हे गये अब अरसा हो चुका है ... न जाने कैसे हमने मुस्कुराना सीख लिया है।

सुनो; हमने अब छोड़ दिया श्मशान की, मौत की बातें करना। हमारे सीने में अब बस तुम हो, एक काश की तरह... ये रात थम सी गयी है।

भूली तो नहीं हो न हम दोनों का साझा वादा, याद तो है न! अग़र नहीं भी है तो उदास मत होना। बस तुम लौटना एक रोज हमारी आखिरी सांसो से थोड़ा पहले और उलझा लेना हमारी ऊँगलियों में अपनी ऊँगलियों में ठीक पहली मुलाकात की तरह... फिर हमारी तरफ देखना और हँसकर कह देना "लो; पूरी हो गयी न, तुम्हारी लकीरें..." 

तुम्हे याद तो है न, हमने मुस्कुराकर क्या कहा था! अग़र नहीं भी है तो उदास...........❤





तुम्हारा..... कृष्णा ( कृषु )

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