होली के रंग
...... होली का रंग लाज़िम है कल तक उतर जायेगा पर चढ़े रहेंगे कुछ एहसास, जो शायद ही उतरें नोचती उंगलियों के एहसास हवस भरी उंगलियों की बेहूदी प्यास वो रंग जो जिश्म छूने के लिए लगे थे, वो हाथ जो सिर्फ़ मशल देने के लिए बढ़े थे l वो निशा जो रंग छूटने के बाद भी लगा रह जायेगा वो बत्तमीज़ नज़र जो उँगलियों में उतर कर बदन पकड़ने को मचल गयी थी किसी के गठीले सौंदर्ययुक्त शरीर रचना को भीगे कपड़े में उर्यानी झांकने का नज़रिया ये कुछ ऐसे फ़िज़ूली एहसास हैं जो रंग उतरने के बाद भी न उतरेगा जिनके साथ कई रंग लगे जरूर होते हैं पर उन